निपाह मामले में अब तक अंधेरे में है केंद्र सरकार

निपाह मामले में अब तक अंधेरे में है केंद्र सरकार

सेहतराग टीम

केरल में फैले निपाह वायरस के फैलने के बारे में केंद्र सरकार अब तक अंधेरे में है। दो सप्‍ताह पहले जहां एक केंद्रीय टीम ने रिपोर्ट दी थी कि निपाह वायरस के फैलने में चमगादड़ों की प्राथमिक भूमिका साबित नहीं हुई है और जिन चमगादड़ों की जांच हुई उनमें निपाह वायरस नहीं मिला था। अब केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय का कहना है कि अभी ये कहना कि चमगादड़ इस वायरस के प्राथमिक वाहक नहीं हैं, जल्‍दबाजी होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि निपाह विषाणु के फैलाव में चमगादड़ों के प्राथमिक वाहक होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। केरल के दो जिलों में निपाह से 17 लोगों की मौत हुई है।

चिकित्सा टीम की पहली रिपोर्ट के बाद निपाह के प्रसार का रहस्य गहरा गया है। टीम ने 26 मई को मंत्रालय को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में कीटभक्षी चमगादड़ों से एकत्र किए गए नमूने ‘ नेगेटिव ’ पाए गए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने 7 जून को कहा कि फल खाने वाले 55 चमगादड़ों से दो दिन पहले लिए गए नए नमूने पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए हैं। इन ताजा नमूनों के परिणामों की प्रतीक्षा है। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महामारी विज्ञान संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख आर आर गंगाखेडकर ने कहा कि पूर्व के नमूने कीटभक्षी चमगादड़ों से लिए गए थे जो निपाह विषाणु के वाहक के रूप में नहीं जाने जाते हैं। वे नमूने फल खाने वाले चमगादड़ों से नहीं लिए गए थे। गंगाखेड़कर ने कहा कि राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने फल खाने वाले 55 चमगादड़ों से दो दिन पहले नमूने एकत्र किए हैं। 

निपाह विषाणु फल खाने वाले चमगादड़ों के शरीर में कुछ समय के लिए ही रहता है क्योंकि उनकी प्रणाली विषाणु से लड़ने में सक्षम होती है। इसलिए यदि कोई चमगादड़ पूर्व में विषाणु से संक्रमित रहा भी हो तो हो सकता है कि उसके नमूने के परिणाम भी ‘निगेटिव’ निकलें। गंगाखेडकर ने कहा, ‘इसलिए जांच के लिए बड़े स्तर पर नमूनों की आवश्यकता है।’ स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने लोगों से कहा कि वे भयभीत न हों, क्योंकि संक्रमण नियंत्रण में आ चुका है।

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